प्रकृति विरुद्ध और दूषित आहार के सेवन से उन्माद की विकृति हो सकती है।
3.
6 काला धन, काला मन, कलुषित वातावरण तथा दूषित आहार विहार से सेक्स में नाकामी का प्रतिशत बढ़ रहा है।
4.
दूषित आहार व पानी से शरीर के रक्त चाप का स्तर भी कम हो जाता है और बुखार भी हो सकता है।
5.
ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि इस मौसम में सबसे आम प्रकार की बीमारियां दूषित आहार के सेवन से या मच्छरों के काटने से होती हैं।
6.
आहार-> मन्त्र साधक को सदा ही शुद्ध व पवित्र एवं सात्विक आहार करना चाहिए! दूषित आहार को साधक ने नही ग्रहण करना चाहिए! आपके एवं जनकल्याण के लिए कुछ प्रयोग दे रहें है!
7.
दूषित आहार व पानी के सेवन से होने वाली बीमारियां हैं टायफायड, जांडिस, डायरिया और यहां तक कि अधिक समय तक दूषित आहार या पानी के सेवन से आपकी किडनी भी खराब हो सकती है ।
8.
दूषित आहार व पानी के सेवन से होने वाली बीमारियां हैं टायफायड, जांडिस, डायरिया और यहां तक कि अधिक समय तक दूषित आहार या पानी के सेवन से आपकी किडनी भी खराब हो सकती है ।
9.
कारण: इस व्याधि के कारणों में अति घोर परिश्रम करना, दूषित आहार करना, कमर या कूल्हे पर चोट लगना, ज्यादा सवारी करना, अति सहवास करना, अत्यधिक शीतल, रूखा, पौष्टिक तत्वों से हीन आहार लेना और मानसिक क्लेश, तनाव और शोक से पीड़ित रहना आदि करणों से वात का प्रकोप होता है और वात प्रकोप के कारण दर्द होता है, क्योंकि बिना वायु के दर्द हो ही नहीं सकता।
10.
कारण: इस व्याधि के कारणों में अति घोर परिश्रम करना, दूषित आहार करना, कमर या कूल्हे पर चोट लगना, ज्यादा सवारी करना, अति सहवास करना, अत्यधिक शीतल, रूखा, पौष्टिक तत्वों से हीन आहार लेना और मानसिक क्लेश, तनाव और शोक से पीड़ित रहना आदि करणों से वात का प्रकोप होता है और वात प्रकोप के कारण दर्द होता है, क्योंकि बिना वायु के दर्द हो ही नहीं सकता।